Monday, January 10, 2011

वर्ष 2011 में लोगों की हैं 11 उम्मीदें

लखीसराय, जाप्र. : पालवंश के अंतिम राजा इन्द्रदमन की राजधानी रह चुकी लखीसराय की ऐतिहासिक, व्यवसायिक एवं राजनीतिक दृष्टिकोण से विशेष पहचान है। श्री इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर की यह धरती कई राजनीतिज्ञों की भी कर्मभूमि रही है। इन सबके बावजूद यह शहर आज उपेक्षित व समस्याओं के मकड़जाल में फंसकर कराह रहा है। यह सब तब हो रहा है जब बिहार में न्याय के साथ विकास एवं सरकार आपके द्वार के माध्यम विकास की गाड़ी को आगे बढ़ने वाली सरकार है। सूबे में बनी एनडीए सरकार की दूसरी पाली की कमान संभाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नये वर्ष में शहर वासियों ने ग्यारह विकास के सपने की उम्मीदें संजोये हैं। इस उम्मीदों पर बात बन जाए तो फिर से यह व्यवसायिक शहर सूबे की क्षितिज पर होगा। मुख्य सड़क पर हर वक्त लगने वाली जाम लोगों के लिए सिर दर्द बना है। शहर में चलने वाले टेम्पो, टमटम, रिक्शा के लिए पड़ाव की व्यावस्था अब तक नहीं है। शहर की मुख्य सड़क के दोनों किनारे अवैध अतिक्रमण से पैदल चलना मुश्किल हो गया है। प्रशासन सख्त कदम उठाकर शहर को अतिक्रमण मुक्त करे तो कुछ बात बने। साथ ही बहुप्रतिक्षित बाईपास सड़क निर्माण को प्राथमिकता देने की भी जरूरत है। शहर की 80 फीसदी आबादी को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं है। पुराने गड़े पाइप को बदलकर सभी वार्डो में बोरिंग कर पेयजल की व्यवस्था की जाये। स्थापना काल से जमीन के लिए तरस रहा केन्द्रीय विद्यालय को मिले जमीन ताकि विद्यालय का विकास हो सके। जिला मुख्यालय स्थित इकलौता खेल मैदान केआरके उच्च विद्यालय के मैदान को अतिक्रमण मुक्त कर खिलाड़ियों के हित के लिए उसका सुदृढ़ीकरण किया जाय न कि वहां बाजार-हाट लगे। शहर में बदहाल बिजली व्यवस्था दुरूस्त हो तथा जर्जर विद्युत तार और खंभे के साथ ही ट्रांसफार्मर भी बदले जाये। बरसात के दिनों में जिला समाहरणालय समेत डेढ़ दर्जन वार्डो में जलजमाव के कारण बनी नारकीय स्थिति से निजात के लिए समाहरणालय स्थित मनसिंघा पैन को अतिक्रमण मुक्त कर उसकी सफाई की योजना बने तभी शहर को जलजमाव से मिलेगी मुक्ति। हर वार्डो में हो नियमित सफाई व कूड़े फेकने के लिए जगह का निर्धारण। जिला मुख्यालय में एक महिला महाविद्यालय की हो स्थापना तथा प्रसिद्ध अशोकधाम मंदिर को मिले पर्यटक क्षेत्र का दर्जा। लोगों की उक्त उम्मीदें तभी होगी पूरी जब जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि होंगे जागरूक।
Sources:- Danik Jagran

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