Tuesday, February 7, 2012

कमाल ने बनाया क्रिकेट का सबसे छोटा बल्ला

लखीसराय, जाप्र. : दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर कुछ कर दिखाने के लिए दृढ़ संकल्पित है लखीसराय के 32 वर्षीय युवा वैज्ञानिक मो. कमालउद्दीन। वैज्ञानिक सूझ बूझ वाला कमाल ने अपने नाम के अनुरूप एक नहीं 29 आविष्कारों का सफल प्रयोग कर कमाल दिखाया है। पेशे से मोटर मैकेनिक मो. कमाल की तमन्ना है कि उसे आर्थिक मदद व प्रोत्साहन मिले तो अपने आविष्कार से मुकाम पा सके। उसने 120 मिली ग्राम वजन, 32 मिली मीटर लंबाई तथा मात्र 4.17 मिली मीटर चौड़ाई वाला दुनिया का सबसे छोटा क्रिकेट का बल्ला तैयार करने का दावा किया है। कमाल द्वारा तैयार इस छोटे से बल्ला को बिहार सरकार के तत्कालीन खेलमंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा भारत सरकार के खेल मंत्रालय को अध्ययन के लिए भेजा गया। मंत्री जी ने गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने की पहल का भरोसा भी दिलाया था मगर समय के साथ सबकुछ एक सपना बन गया।
अबतक किए गए प्रमुख आविष्कार
- पानी से लघु रेल इंजन का परिचालन।
- जल उर्जा द्वारा पंप का संचालन।
- नींबू व नारंगी के छिलके पर शोध कर तैयार किया तेल।
- एलपीजी से चलने वाला लाइट युक्त तापयंत्र।
- सस्ता डिस्पोजल रेजर का निर्माण।
- गतिमान सवारी गाड़ी में बिना अतिरिक्त उर्जा के विद्युत उर्जा का उत्पादन।
- लौ अवरोधक चाय बनाने का बर्तन।
- 120 मिली ग्राम का क्रिकेट बल्ला।
कई राष्ट्रीय प्रदर्शनी में ले चुका भाग
- नवंबर 2010 में मोतिहारी में राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान अहमदाबाद द्वारा आयोजित वर्कशाप में लगाया प्रदर्शनी।
- 22 से 24 मार्च 2011 को पटना में बिहार दिवस के मौके पर गांधी मैदान में आयोजित प्रदर्शनी।
- 2011 दिसंबर में अनुग्रह नारायण सिंह संस्थान पटना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में लगाई प्रदर्शनी।
पूर्व राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल तक लगाई गुहार
युवा वैज्ञानिक कमाल अपनी नई खोज के साथ उसे एक पहचान दिलाने तथा आर्थिक मदद की आस लिए पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी को पत्राचार किया तथा दिल्ली तक गया। जिसमें राष्ट्रपति भवन एवं उर्जा श्रोत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कमाल को पूरा सहयोग करने तथा सभी आविष्कारों को नेशनल रिसर्च सेंटर भारत सरकार को भेजे जाने की बात कही गई। इसके बाद न कोई पत्र आया न कोई पहल। कमाल कहता है कि वह अपनी खोज के साथ 2004 में राज्यपाल एम. रामा जोईस, पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दकी, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, पूर्व खेल मंत्री जनार्दन सिग्रीवाल सहित कई नेताओं व अधिकारियों से मिला लेकिन कमाल को न उसके आविष्कार की पहचान मिली न आर्थिक मदद। 
Source:- Jagran