लखीसराय, जाप्र. : शाम ढलते ही इन दिनों शहर पूरी तरह मयखाने में तब्दील हो जाता है। हर चौक चौराहे मुख्य बाजार से लेकर विद्यापीठ चौक तक दर्जनों शराब की दुकानों के अलावा होटलों में पीने पिलाने का दौर चलता रहता है जिसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक देखी जा रही है। दिनभर की उमस भरी गर्मी एवं भाग दौड़ के बाद थकान दूर करने के लिए लोग मयखाने में बैठकी लगाना शुरू कर देते हैं। स्थिति यह है कि शहर के इकलौते सड़क पर शराब के शौकीन अपने चार एवं दो पहिये वाहनों का अवैध पार्किंग कर जाम की समस्या पैदा कर रहें हैं। जिस कारण आम पब्लिक परेशान रहती है। खासकर लखीसराय रेलवे पुल से आगे और केआरके हाईस्कूल के पास शाम ढलते ही जाम लग जाती है। इसका मूल कारण शराब पीने वाले अपने वाहनों को बीच सड़क पर खड़ा कर वाइन सेंटर एवं होटलों में चिकेन, तंदुरी के साथ वीयर व व्हिसकी की चुस्की लेने में व्यस्त रहते हैं। सोमवार की रात भी स्टेशन मोड़ से लेकर केआरके हाईस्कूल तक भीषण जाम का कारण सड़क पर सुरा शौकीनों द्वारा वाहन खड़ा किया गया था। जिसके कारण पैदल चलना मुश्किल हो रहा था। करीब घंटे भर बाद नगर थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, कबैया ओपी अध्यक्ष नीलांबर झा एवं पीएसआई मिथलेश चौधरी ने सुरा शौकीनों के वाहनों पर लाठियां चटका कर तथा काफी मशक्कत के बाद जाम से निजात दिलाया जा सका। विद्यापीठ चौक, बाजार समिति के पास भी शाम ढलते ही पियक्कड़ों की भीड़ जमने लगती है। बताया जाता है कि इस मामले में स्थानीय पुलिस की भी मौन सहमति प्राप्त है।
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Friday, May 6, 2011
Friday, October 29, 2010
लखीसराय : नीतीश बनाम ललन में जंग
लखीसराय। 168 लखीसराय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पर सूबे की नजर है। मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का यह प्रिय क्षेत्र है। जबकि राज्य के सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह का गृह विधानसभा क्षेत्र। पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों महारथी गठबंधन के तहत एकसाथ थे, इसके बावजूद राजग यह सीट हासिल नहीं कर सकी और प्रत्याशी लगभग 80 मतों से पराजित हो गए। इस बार का सीन ही कुछ अलग है। सांसद ललन विरोध में खड़े हैं और सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले रखे हैं। यह सीट गठबंधन के तहत भाजपा के खाते में है। प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा हैं जिन्हें लगातार तीसरी बार मैदान में हैं। अपने पहले मौके में वे वर्ष 2005 के चुनाव में राजद के फुलैना सिंह को पराजित कर दिए थे लेकिन बिहार विधानसभा का गठन नहीं होने के कारण छह माह के अंदर हुए चुनाव में वे पराजित हो गए। पूरे पांच साल की सुशासन सरकार में लखीसराय में भी विकास की किरण दिखाई दे रही है। इसका श्रेय जहां विधानसभा चुनाव के दौरान राजग प्रत्याशी लेने में लगे हैं वहीं सांसद ललन सिंह अपने अगुवाई में विकास होने का दावा कर रहे हैं। प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है। वहीं सांसद ललन सिंह एवं मुख्यमंत्री दोनों के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की बनी हुई है। चूंकि सांसद और मुख्यमंत्री दोनों के बीच आर-पार की लड़ाई चल रही है और दोनों के लिए यह सीट जितने की चुनौती है। कांग्रेस प्रत्याशी रामशंकर शर्मा बागी प्रत्याशी अजय कुमार सिंह से जूझ रहे हैं वहीं राजग के दो दलों भाजपा एवं जद यू के बीच तालमेल का अभाव दिख रहा है। दोनों दलों में पैठ का अभाव का असर यह देखा जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी के साथ एक भी जद यू कार्यकर्ता साथ नहीं चल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम इस क्षेत्र में नहीं होने से राजग प्रत्याशी की जीत के साथ-साथ गठबंधन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि इसी विधानसभा क्षेत्र के बड़हिया निवासी और राज्य के सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह जी तोड़ मेहनत अपने प्रत्याशी की जीत के लिए कर रहे हैं। कल तक साथ-साथ चलने वाले ललन सिंह एवं गिरिराज सिंह आज अलग-अलग हैं। उधर राजद के फुलैना सिंह दुबारा बाजी मारने को लेकर स्वजातीय सवर्ण के साथ-साथ एमवाई समीकरण एवं पिछड़ी जाति के वोटों को आधार मान रहे हैं। कुल 15 प्रत्याशियों के बीच राजद, राजग और कांग्रेस के अलावा कांग्रेस के बागी निर्दलीय अजय कुमार सिंह के बीच वोटों की संधमारी चल रही है, बाजी कौन मार लेंगे इसका इंतजार है।
सूत्र :- जागरण
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