Sunday, September 20, 2009

कहीं बंजर न हो जाये दाल का कटोरा

Sep 17,2009
लखीसराय। प्रकृति की लीला भी गजब की है। लखीसराय जिले के किसान अभी सुखाड़ की दंश से उबर भी नहीं पाये की रबी व दलहन फसल के उत्पादन पर ग्रहण लगता दिख रहा है। दाल का कटोरा के नाम से देश में मशहूर बड़हिया मोकामा टाल क्षेत्र की उपजाऊ भूमि बंजर होने के कगार पर है। 1064 वर्ग किलोमीटर में फैले टाल क्षेत्र में इस बार जल जमाव नहीं होने से जंगली घास उग आये हैं। इस घास को ट्रैक्टर की जुताई कर भी हटाया नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में किसान करे क्या एक अहम सवाल है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार ये जंगली घास बेड़नी, घोरोंच, सुगग्बा, कैरी, कन्दा आदि नाम से जाने जाते हैं जिसकी जड़ें काफी मजबूत होती है। इसका संपूर्ण विनाश जल जमाव से ही संभव है। हालांकि इसे दवा छिड़काव के जरिये भी सुखाया जा सकता है किंतु वह दवा काफी मंहगी है। कृषि वैज्ञानिक डा. आफताब ने कहा है कि राउण्ड अप नामक दवा के छिड़काव के जरिये उक्त प्रजाति के घास को सुखाया जा सकता है। लेकिन वह दवा काफी महंगी के साथ स्थानीय बाजार में उपलब्ध नहीं है। अब स्थिति यह बन गई है कि किसान अपनी खेतों में रबी और दलहन की बुआई का कार्य नहीं कर सकेंगे। इस कारण वे अपने भाग्य को कोस रहे हैं।

विदित हो कि लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा एवं पटना जिले से सटा 1064 वर्ग किलोमीटर में फैला बड़हिया-मोकामा टाल क्षेत्र में मुख्यत: दलहनी फसल चना, मटर, खेसारी, मसूर की खेती होती है। 95 फीसदी आबादी मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। किसानों के अनुसार आश्रि्वन माह बीतने को है लेकिन टाल क्षेत्र अब तक पानी से डूब नहीं पाया है। टालक्षेत्र के कोनी, पथरा, घाघा भीतरय, रकसहर, घोरघाट, पाली, कोहबरा, कटिहारी,नहरा, सकरी, बंडर, हसराज, सरौरा, बरौरा आदि दर्जनों महालों में हजारों हेक्टेयर भूमि पर जहां अभी रबी और दलहन की खेती होती वहां जंगली घास उगे है। किसानों की मानें तो उक्त घास को कटवाने में डेढ़ हजार रूपये प्रति बीघा खर्च होंगे। फिर भी वह जड़ से समाप्त नहीं होगा। बगैर घास कटाये फसल लगाना संभव नहीं है। कार्तिक महीने के चित्रा नक्षत्र में भी अगर बारिश नहीं हुई तो किसानों को दाल व रोटी के भी लाले पड़ेंगे। कृषि वर्ष में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, सुखाड़ से निपटने एवं सिंचाई की उत्तम व्यवस्था करने के तमाम सरकारी और प्रशासनिक दावे स्थानीय किसानों के लिए छलावा सिद्ध हो रहा है।
Source:- http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_5797364.html

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