लखीसराय। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) के तहत लखीसराय जिले के हर गांव को बिजली से जगमगाने का सरकार का सपना आधे रास्ते पर ही दम तोड़ता नजर आ रहा है। आजादी के 62 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले में अब तक 318 गांवों में बिजली की रोशनी नहीं पहुंची है। अबतक जिले में कुल 472 गांवों में से मात्र 154 गांवों में ही बिजली है। सरकार द्वारा प्रत्येक गांवों में बिजली पहुंचाना जिले में चुनौती है। वर्ष 2004 से केंद्रीय एजेंसी पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया इस चुनौती से निपटने का प्रयास कर रही है मगर संवेदकों की लापरवाही एवं विभागीय उदासीनता के कारण जिले में विद्युतीकरण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। सरकारी घोषणा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2009-10 के अंत तक उन सभी गांवों को बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच पायी है। इसमें सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों के घरों को बिजली कनेक्शन देने की योजना थी। विभाग के ताजे आंकड़े बताते हैं कि वास्तविक स्थिति लक्ष्य से काफी दूर है। विद्युत विभाग कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 207 विद्युतीकरण गांव के अलावा 111 बेचिरागी गांव हैं जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची। कार्यपालक अभियंता कुमार रामबालक के अनुसार पावर ग्रिड कारपोरेशन आफ इंडिया के द्वारा 175 गांवों के विद्युतीकरण का कार्य 2004 में मिला। वर्तमान में जिले के 150 गांवों में विद्युत पोल गाड़ने एवं तार खीचने का कार्य प्रगति पर है। टाल एवं दियारा योजना के तहत जिले के 28 गांवों का चयन 2002-2003 में चयन कर बिजली पहुंचाने का कार्य शुरू हुआ। जिसमें दियारा क्षेत्र के 13 गांवों तक बिजली पहुंच गयी। टालक्षेत्र के 15 गांवों में कार्य जारी है। कार्यपालक अभियंता श्री रामबालक के अनुसार जिले के रामगढ़ चौक प्रखंड के औरे गांव में 33/11 केवी का विद्युत शक्ति उपकेंद्र कार्य जारी है।
Danik Jagran
Saturday, February 13, 2010
लखीसराय के 318 गांवों में अब भी टिमटिमा रहे दीये
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