Thursday, July 28, 2011

श्रावणी मेला : दूसरी सोमवारी पर शिवमय हुआ माहौल, बोलबम की गूंज

 
हर-हर महादेव, ऊँ नम: शिवाय की जयघोष सावन के दूसरे सोमवारी पर शिव मंदिरों व शिवालयों में गूंजती रही। अशोकधाम स्थित श्री इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर में करीब 40 हजार से अधिक शिवभक्तों ने विशाल शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। अहले सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी जो शाम तक जारी रहा। बड़ी संख्या में शिवभक्तों ने हाथीदह स्थित सिमरिया घाट एवं बड़हिया, खुटहाडीह, पिपरिया गंगा घाट से जल भर कर पैदल अशोकधाम मंदिर पहुंचकर शंकर व पार्वती मंदिर में गंगाजल, दूध व बेलपत्र चढ़ा कर पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए नगर थानाध्यक्ष संतोष कुमार के नेतृत्व में अवर निरीक्षक सीपी सिंह, सुदामा पांडेय, सुधा कुमारी सहित सैप व होमगार्ड जवान श्रद्धालुओं को पंक्तिबद्ध करने में लगे रहे। बाहरी भीड़ पर कैमरे के द्वारा कंट्रोल रूम में ट्रस्ट के सचिव डा. श्यामसुन्दर सिंह, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र सिंघानिया द्वारा निगरानी रखी जा रही थी। सचिव श्री सिंह ने बताया कि दूसरी सोमवारी को अन्नपूर्णा भोजनालय में पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भोजन किया है। उधर शहर के थाना चौक एवं मोटका महादेव मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।

चानन, संसू. के अनुसार : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न शिव मंदिरों में दूसरी सोमवारी को लेकर जल चढ़ाने व पूजा अर्चना करने को भीड़ उमड़ पड़ी। खासकर श्रृंगीऋषि धाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई।
पीरी बाजार, संसू के अनुसार : सावन महीने की दूसरी सोमवारी के अवसर पर कजरा और पीरी बाजार क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों के विभिन्न शिवालयों में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी।
पिपरिया, संसू. के अनुसार : सावन की दूसरी सोमवारी को शिव भक्तों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। प्रखंड के वलीपुर, रामचंद्रपुर, पिपरिया, मोहनपुर, सैदपुरा, मुड़बड़िया आदि गांवों स्थित शिवालयों में जलाभिषेक किया। बोलबम के नारों से माहौल भक्तिमय हो गया।
बड़हिया, संसू. के अनुसार : सावन महीने की दूसरी सोमवारी के अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने पावन गंगा में डुबकी लगाकर इन्द्रदमनेश्वर महादेव मंदिर में जलार्पण हेतु रवाना हुए। इसके अलावे कई भक्तों के द्वारा प्राचीन दूधनाथ महादेव, नीलकंठ मंदिर, सदायबीघा के गौतम महादेव, बहादुरपुर के पंचबदन महादेव के उपर बेलपत्र, फूल व जल का अर्पण किया।

Saturday, July 2, 2011

विकास की धुंधली तस्वीर में बीत गए 17 साल

लखीसराय, जाप्र. : जिला बनने के 17 वर्षों के बाद भी लखीसराय का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। विकास की धुंधली तस्वीर में जिले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व सिमटता जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की संवेदनहीनता एवं स्वार्थ पूर्ण नीति के कारण यहां के विकास योजनाओं का ग्रहण लगता चला जा रहा है। तीन जुलाई 1994 को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने लखीसराय अनुमंडल को जिला का दर्जा प्रदान किया। 17 वर्ष के इस लंबे सफर में अबतक जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं उप विकास आयुक्त कैलेंडर की तरह बदलते गये लेकिन जिला का स्वरूप और विकृत हो गया। जिले के दो विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे दो भाजपा विधायकों विजय कुमार सिन्हा, प्रेम रंजन पटेल एवं क्षेत्रीय सांसद ललन सिंह के अलावा बड़हिया निवासी कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह जैसे राजनीतिक दिग्गजों के रहते भी इस जिले का स्वरूप नहीं बदल पाया है। यहां विकास से अधिक श्रेय लेने की राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई होती चली आ रही है। आम जनता के अरमान सपने में बदल गये। विकास के नाम पर अनियमित विद्युत आपूर्ति, बदहाल विधि व्यवस्था, सड़क जाम, रसोई गैस के लिए हाहाकार, पेयजल की किल्लत इसका गवाह है। जैसे-जैसे अधिकारी बदलते गये कमीशन खोरी की संस्कृति बढ़ती गई। लोगों का मानना है कि लखीसराय जिला लूट की बुनियाद पर खड़ा है। जिला बनने के बाद लखीसराय की तस्वीर तो नहीं बदली बल्कि अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की सूरत में अवश्य बदलाव आया। जिले में संसाधनों की घोर कमी के बीच दर्जन भर विभाग प्रभारी पदाधिकारी के भरोसे चल रहा है। प्रखंड, अंचल, अनुमंडल एवं समाहरणालय संवर्ग में कर्मचारियों का टोटा बरकरार है। पदस्थापित तीन वरीय उप समाहर्ता एक साथ कई विभाग के प्रभार में हैं। अधिकारियों के लिए सरकारी वाहन व आवास अब भी गंभीर समस्या बनी हुई है। आवासीय व्यवस्था नहीं रह पाने के कारण अब तक जिले में जिला जज का पदस्थापन नहीं हो सका है। नियोजनालय एवं अन्त्य परीक्षण केंद्र के लिए अब भी मुंगेर का सहारा लेना पड़ता है। अपराधियों के बढ़ते हौसले और नक्सलियों के प्रभाव ने जिला वासियों की नींद हराम कर रख दी है। स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए वीर सपूतों की याद में शहीद द्वार स्थित अ‌र्द्धनिर्मित शहीद स्मारक भवन भी शासन व प्रशासन की नाकामी का पोल खोल रहा है। वे कहते हैं कि आजादी की लड़ाई इसी दिन को देखने के लिए लड़ी गयी जहां विकास की सिर्फ बातें होती हैं। विकास की तस्वीर जिला मुख्यालय से ही नजर आता है जहां अब भी अधिकारियों के लिए कार्यालय एवं आवास नहीं है। हालांकि उप विकास आयुक्त सुरेश चौधरी की मानें तो जिले में काफी परिवर्तन हुआ है और विकास की गाड़ी बढ़ रही है। 
Source:-Jagran Bihar