Tuesday, June 26, 2012

कृष्णदेव सिंह उर्फ झूना दा का निधन

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष का निधन
Jun 16, 08:00 pm

पिपरिया (लखीसराय), संसू. : सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के चंदनपुरा पंचायत अंतर्गत मानो ग्रामवासी व पूर्व जिला भाजपाध्यक्ष कृष्णदेव प्रसाद सिंह उर्फ झूना दा (76) का निधन शुक्रवार की देर रात में हो गया। वे छह माह से बीमारी से पीड़ित थे। इनके निधन की खबर सुनते ही भाजपा व जदयू के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच शोक की लहर दौड़ गयी। उनके पार्थिव शरीर को देखने के लिए इलाके के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय विधायक प्रेम रंजन पटेल, पार्टी के वरिष्ठ नेता व वयोवृद्ध प्रसिद्ध नारायण सिंह, जिला भाजपाध्यक्ष छेदी प्रसाद गुप्ता, जदयू जिलाध्यक्ष रासपति पांडेय, जिला परिषद सदस्य कर्मी देवी, पूर्व मुखिया वीरेन्द्र सिंह, शशि भूषण प्रसाद सिंह, सीताराम सिंह, मोहन सिंह, सूर्यगढ़ा प्रखंड के पूर्व अध्यक्ष विजय सिंह, भाजपा के सुधांशु प्रसाद सिंह, गणेश सिंह, कैलाशपति शर्मा, श्याम सुंदर प्रसाद सिन्हा ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए शोक प्रकट किया। उक्त लोगों ने कहा कि इनके निधन से पार्टी को भारी क्षति पहुंची है। इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है। इनके पार्थिव शरीर को श्री गोविंद उच्च विद्यालय परिसर में लाया गया। जहां प्रभारी गणेश प्रसाद सिंह सहित शिक्षकों ने पुष्पांजलि अर्पित की। उनका दाह संस्कार शनिवार को मरांची गंगा घाट पर किया गया। उनके एक मात्र पुत्र संजय कुमार ने मुखाग्नि दी।
फील्ड मार्शल के नाम से प्रसिद्ध थे झूना दा
Jun 23, 06:35 pm

लखीसराय, जाप्र. : फील्ड मार्शल, मुखिया जी, जेपी आंदोलन का अप्रतिम योद्धा, क्रांति का अग्रदूत आदि कई उपनामों से जिले में चर्चित पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष सूर्यगढ़ा के मानो निवासी कृष्णदेव सिंह उर्फ झूना दा आजीवन दल के प्रति समर्पित रहे। जुझारूपन प्रवृति एवं जमीनी तौर पर दल के लिए कार्य करने के लिए प्रदेश स्तर स्तर पर उनकी एक अलग पहचान बनी। यही कारण है कि 15 जून को उनके निधन होने पर भाजपा सहित क्षेत्र के आम लोग काफी मर्माहत हुए। 26 जून 12 को ब्रहमभोज सह प्रीतिभोज पर पार्टी के कई वरीय नेताओं सह मंत्रीगण उनके श्राद्धकर्म में भाग लेकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने उनके पैतृक गांव मानो आ रहे हैं। उनके पुत्र संजय सिंह सहित शोकाकुल परिजनों को ढ़ाढ़स बंधाते हुए शोक से उबरने की क्षेत्रीय लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं।

Tuesday, June 12, 2012

निरक्षर नहीं है लखीसराय नगर परिषद का कोई पार्षद

Jun 10, 06:47 pm
लखीसराय, जाप्र. : नगरपालिका चुनाव में कई वार्डो से भले ही कुछ दबंग व बाहुबली जीत कर आए लेकिन वोटरों के लिए राहत की बात यह है कि उसका कोई भी जनप्रतिनिधि निरक्षर नहीं है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता साक्षर तो है ही। ऐसे में शहर की जनता के हित में कोई भी फैसला लेने के पहले जरूरी दस्तावेज को वे पढ़ लिख सकेंगे। नगर परिषद लखीसराय के चुनाव के बाद वार्ड पार्षदों का चुनाव आयोग के पास संपूर्ण ब्योरा भेज दिया गया है। इसमें एक बिंदु शैक्षणिक योग्यता का भी है। रिपोर्ट के अनुसार नगर परिषद लखीसराय के निर्वाचित सभापति शशि देवी पांडेय साक्षर महिला है तो उप सभापति अरविंद पासवान भी साक्षर हैं। जबकि नगर पंचायत बड़हिया में निर्वाचित अध्यक्ष बसंती देवी मैट्रिक पास है तो उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह इंटर पास है। हालांकि बड़हिया में वार्ड नंबर एक से नन्हकी देवी एकमात्र निरक्षर पार्षद हैं। नगर परिषद लखीसराय के 33 निर्वाचित पार्षदों में 15 पार्षद साक्षर, 10 मैट्रिक पास, 6 इंटर पास है। जबकि वार्ड नंबर छह से निर्वाचित कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सबसे अधिक एमएससी पढ़े हुए हैं तो दूसरे स्थान पर वार्ड नंबर 27 से पार्षद बालकृष्ण वर्मा बी.ए. पास हैं। वार्ड पार्षद देवकी देवी, जोगी ठाकुर, शशि देवी पांडेय, सोनी देवी, पुतुल देवी, कमली देवी, जानकी देवी, प्रमिला देवी, रंजीत राम, नीलम देवी, अरविंद पासवान, साधना देवी, मथुरा प्रसाद, रेणु देवी एवं रेखा देवी साक्षर पार्षद है। विदित हो कि नगर परिषद एवं नगर पंचायत में बड़ी संख्या में महिला पार्षद जीतकर आई हैं और कुल मिलाकर नगर सरकार की कमान आधी आबादी के हाथों में ही है। 
Source:- Jagran

Friday, June 1, 2012

आईए नदी बचाने का आज लें संकल्प.

May 29, 07:21 pm
लखीसराय, जागरण कार्यालय : नदी प्रकृति का ऐसा उपहार है जिसका और कोई दूसरा विकल्प जलश्रोत के मामले में नहीं हो सकता है। धार्मिक दृष्टिकोण की महत्ता से अलग हटकर भी देखें तो नदी कई मायने में विकास का भी द्योतक है। फिर भी आज नदियां क्यों हमसे दूर चली जा रही है? आज संकल्प लेने की जरूरत है हर नागरिकों को, ताकि यदि एक आदमी खड़ा होता है इस अभियान को लेकर तो एक फौज खड़ी हो सकती है नदियों के अस्तित्व को बचाने के लिए। बस थोड़ी सी यदि जागरूकता आ जाए तो गांव और शहर क्या घर-घर से निकलेंगे लोग नदी को बचाने के लिए। लखीसराय जिले में गंगा सबसे बड़ी नदी है। इसके बाद हरूहर फिर किऊल नदी की बारी आती है। सूर्यगढ़ा के कुछ क्षेत्र में गरखे नदी है। दुर्दशा की बात करें तो सबकी हालत एक जैसी है। अब हमें अभियान के तहत यह सोचना होगा कि आखिर कैसे ये नदियों सुरक्षित और संरक्षित रह पाएगी। आखिर क्यों नहीं इसे लेकर जागरूकता कार्यक्रम समाज के अंदर शुरू करें और नुक्कड़ सभा कर लोगों को प्रेरित करें कि खुद से नदियों की देखभाल कर उसकी गंदगी को दूर करें हम। सच में यदि एक आदमी के शुरू करने से यदि यह समाज की आवाज बन जाती है तो वह दिन दूर नहीं जब इस जिले की नदियां भी प्रदूषण मुक्त होगी। और जब नदी स्वच्छ होगी तो मानव, पशु, जलचर भी स्वस्थ होंगे फिर एक ऊर्जावान समाज उस नदी पर नाज करेगा जिसके लिए उसने अपनी आवाज उठाई।
Source:- Jagran